अजय कुमार सिंह
एस.टी.एफ डी.एस.पी की नौकरी छोड़कर राजनीति में दांव आजमाने वाले शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने अब कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया है. शैलेन्द्र, कांग्रेस में अपराधियों की घुसपैठ से नाराज़ हैं. विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि शैलेन्द्र एक -दो रोज़ में कांग्रेस छोड़ने का एलान कर सकते हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस में शैलेन्द्र, सूचना का अधिकार टास्क फोर्स के बतौर प्रमुख काम करते हैं. पिछले तीन सालों से शैलेन्द्र इस टास्क फ़ोर्स के जरिये मायावती सरकार की आँख की किरकिरी बन गए थे. सितम्बर २००८ में सरकार ने आधी रात को शैलेन्द्र को लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार करवा लिया था. हजरतगंज थाने में सारी रात हवालात में काटने के बाद कांग्रेस ने उनकी गिरफ्तारी को पूरे प्रदेश में मुद्दा बना दिया था. तब पार्टी की प्रदेश अध्यछ रीता बहुगुणा शैलेन्द्र की गिरफ्तारी को मुद्दा बनाने में सबसे आगे थीं. लेकिन यही रीता बहुगुणा और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दिग्विजय सिंह ने बाहुबली विधायक अजय राय के घर जाकर चाय पी और शैलेन्द्र को नाराज़ कर लिया. शैलेन्द्र जब डी.एस.पी थे तब अजय राय एस.टी.एफ की हिट लिस्ट में हुआ करते थे. कुछ दिन पहले ही तुलसी सिंह को कांग्रेस ज्वाइन कराई गई. तुलसी सिंह मकोका में जेल जा चुके हैं.
मिशन २०१२ में जुटी कांग्रेस ने हाल में दस स्थानों से रथ यात्रा निकाली है लेकिन बुलंदशहर में यह यात्रा 'बार डांसर्स' की वजह से विवादों में आ गई. शैलेन्द्र प्रताप कांग्रेस के इस भटकाव से खफा हैं. शैलेन्द्र की नाराज़गी की एक और वजह है. पिछले १९ अप्रैल को शैलेन्द्र प्रताप की अगुवाई में दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना और मार्च का कार्यक्रम था. उस कार्यक्रम में दिग्विजिय सिंह को जाना था लेकिन ऐंन वक्त दिग्विजय ने फोन करके शैलेन्द्र को बताया कि वे नहीं आ सकते. चिलचिलाती धूप में शैलेन्द्र की अगुवाई में अपने खर्चे से गए करीब छ हज़ार गरीब मायूस होकर लौटे. पुलिस ने उन्हें सडकों पर निकलने नहीं दिया और कांग्रेस का कोई नेता उनसे मिलने नहीं गया. मायूस गरीबों ने शैलेन्द्र से यह कहकर अपनी शिकायत दर्ज कराई कि क्या राहुल गाँधी गरीब दलितों की बस्ती में जाकर महज नाटक करते हैं.
नाराज़ शैलेन्द्र ने अपनी शिकायतों का पुलिंदा सीधे राहुल गाँधी को भेजा है. लेकिन अभी तक उन्हें कोई जबाब नहीं मिला है. राहुल गाँधी की चुप्पी और प्रदेश कांग्रेस नेताओं के रवैये से शैलेन्द्र की नाराज़गी और बढ़ गई है. सूत्रों की माने तो ये नाराजगी बहुत जल्द उनके इस्तीफे में बदल सकती है.
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बुधवार, 28 अप्रैल 2010
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